लोग क्या कहेंगे …? क्या आप भी ऐसा सोचते हैं ?… ये आपकी सफलता में बाधक है Motivational Story in Hindi
अक्सर कोई काम करने से पहले हम बड़े उत्साहित रहते हैं पर जब काम करने का समय आता है तो हम ठन्डे पड़ जाते हैं, यह सोचकर कि ” लोग क्या कहेंगे ?” What people will say?
आइए इस कहानी के द्वारा हम देखते हैं कि ऐसी सोच आपको सफल होने से कैसे रोकती है? और इससे क्यों बचें?
‘लोग क्या कहेंगें ‘ Hindi Motivational Story
एक बार एक पिता और उसका बेटा, एक घोड़े पर सवार होकर दूसरे गांव को, विवाह भोज पर जा रहे थे। सुबह का वक्त था, वे गाँव के बाहर, खेतों की मेढ़ पर चले जा रहे थे।
वहां एक किसान मिला। उन दोनों को घोड़े पर सवार देख कर किसान बोला – ‘ कितने निर्दयी हैं ये बाप – बेटे ! एक बेज़ुबान घोड़े पर दो – दो जन सवार हो कर जा रहे हैं। ‘ यह सुन कर , पिता घोड़े से उतर गया और घोड़े से बंधे रस्सी को पकड़कर आगे बढ़ने लगा।
सूरज सर पर चढ़ आया था और धूप काफ़ी तेज़ हो गयी थी। अब वे एक क़स्बे से गुज़र रहे थे। एक ठेलेवाले ने यह देखकर कहा – ‘ कैसा बेटा है यह ? इस चिलचिलाती धूप में लड़का स्वयं आराम से घोड़े पर बैठा है और पिता पैदल चल रहा है ? यह सुनकर बेटा घोड़े से उतर गया और पिता को घोड़े पर बैठा दिया। और वे आगे बढ़ गए।
अब वे एक बस्ती से गुज़र रहे थे जहाँ कुछ महिलाएं कुआँ से पानी भर रहीं थीं। उन्हें देखकर एक महिला बोल पड़ी – ‘ अरे देखो तो ! कैसा निष्ठुर पिता है , जो स्वयं घोड़े पर मज़े से सवार है और लड़का पैदल ही घोड़े को ले जा रहा है। ‘यह सुनकर पिता भी घोड़े से उतर गया और दोनों ही घोड़े के अगल – बगल हो कर जाने लगे।

शाम हो चली थी , आकाश के पंछी अपने – अपने घोंसले को लौट रहे थे। पिता और पुत्र, सूरज के ढलते – ढलते गंतव्य स्थान को पहुँच गए। पर वे देर हो चुके थे। कार्यक्रम समाप्त हो चूका था।
उन दोनों पिता और पुत्र को देख लोग हंसने लगे और कहने लगे – ‘ घोड़ा होने पर भी आपलोग विलंब से पहुँच रहें हैं। ‘ पिता और पुत्र दोनों को ही बहुत आत्मग्लानि का अहसास हुआ।
आप क्या चाहते हैं ?
इसलिए कहते हैं दोस्तों ! किसी अच्छे काम को करने में यह नहीं सोचना चाहिए कि – ” लोग क्या कहेंगें ?” क्योंकि लोग तो कई तरह की बातें करेंगे ही। पर यह सोचना आपको है! आप चाहते क्या हैं ? सफलता या असफलता ?
अतः कोई भी काम उचित, तर्कपूर्ण और आत्मविश्वास से कीजिये। क्योंकि आगे बढ़ने का नाम है ज़िन्दगी।
दोस्तों यह कहानी आपमें एक आत्मविश्वास जगाया होगा तो अपने विचार comment box में ज़रूर बताएं।
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Great content keep it up
Thank you for good words.
Yes it takes time to groom oneself..