सोनू सूद – प्रवासी मज़दूरों के मसीहा Sonu Sood ki jivani
कोविड – 19 की वजह से जब देशव्यापी लॉकडाउन हुआ, लाखों श्रमिक और उनका परिवार सड़क पर आ गए। वे परेशान थे भूखे थे, अपने घर जाने के लिए हज़ारों किलोमीटर चले जा रहे थे।
ऐसे बुरे वक़्त में मदद को आये सोनू सूद। इन प्रवासी मज़दूरों के लिए बसों की व्यवस्था की। और उन्हें घर भेजने का बीड़ा उठाया। सोनू सूद फिल्मों के विलेन, आज रियल लाइफ हीरो बन गए हैं।
तो आइये जानते हैं इस रियल लाइफ हीरो – सोनू सूद के बारे में
सोनू सूद एक फिल्म अभिनेता हैं। वे मॉडलिंग भी करते हैं। उन्होंने अबतक कई हिंदी फिल्मों के अलावा तमिल, तेलुगु और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है।
- जन्म – 30 जुलाई 1973 मोगा, लुधियाना, पंजाब
- पिता का नाम- शक्ति सागर सूद। जिनका मुंबई में कपड़े का एक दूकान था
- माता का नाम- सरोज सूद। वे एक शिक्षिका थीं
- स्कूली शिक्षा- सेक्रेड हार्ट स्कूल, मोगा पंजाब
- इंजीनियरिंग की डिग्री – यशवंतराव चौवान इंजीनियरिंग कॉलेज
- पत्नी का नाम- सोनाली सूद
- उनके दो बेटे हैं। इशांत और अयान।
मॉडलिंग में सोनू की बहुत रूचि थी। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते समय ही वे मॉडलिंग प्रतियोगिता में भाग लिया करते थे। 47 साल की उम्र में भी उन्होंने अपनी बॉडी फिटनेस मेन्टेन किया हुआ है।
सोनू का करियर
2002 में फिल्म ” शहीद -ए – आज़म ” से सोनू ने अपने फ़िल्मी सफर की शुरुआत की। इस फिल्म में सोनू ने भगत सिंह का किरदार निभाया था। फिर उन्होंने कई छोटी- बड़ी फ़िल्में कीं। वे ज्यादातर फिल्मों में नेगेटिव रोल में नज़र आये। और हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़ आदि फिल्मों में कई सुपर हिट फिल्में कीं।
सोनू की कुछ मशहूर फ़िल्में
आशिक़ बनाया आपने, जोधा अकबर, अरुंधति, दबंग, हैप्पी न्यू ईयर, गब्बर इज बैक आदि। फिल्मों की सूची बहुत लम्बी है।
सोनू जी को अभिनय कला के लिए मिले पुरस्कार
- 2009 – तेलुगु ब्लॉकबस्टर फिल्म ” अरुंधति” के लिए बेस्ट विलेन का आंध्र प्रदेश का ” नंदी पुरस्कार” दिया गया
- 2009 – फिल्म “जोधा अकबर” के लिए ” बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर अवार्ड”
- 2010 – फिल्म “दबंग” में नेगटिव रोल के लिए बेस्ट एक्टर का अप्सरा अवार्ड , सर्वश्रेष्ठ परफॉरमेंस के लिए आइफा अवार्ड मिला
- 2014 – फिल्म ” एंटरटेनमेंट ” के लिए सर्वश्रेष्ठ ख़लनायक का स्टारडस्ट पुरस्कार से नवाज़ा गया
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