क्या आपको भी लगता है डर? अपने डर को कैसे दूर करें, apne dar ko kaise dur kare
डर किसे नहीं लगता?
एक पल के लिए ज़रा सोचिये अगर आपमें डर न होता तो आपका जीवन कैसा होता? पर डर तो लगता ही है। इस डर को दूर कर दिया जाए तो आपके जीवन में कितना परिवर्तन आ सकता है। यह इतना भी मुश्किल नहीं है। इस भय को ख़त्म किया जा सकता है। तो डर को कैसे दूर करें?
डर एक बाधा है। एक ऐसी बाधा जो आपको, आपकी सामर्थ्य और आपकी क्षमता से दूर कर देता है। अंततः आपको सफल होने से रोकता है।
पर डर आता कहाँ से है?
डर असफ़ल होने का, डर रिश्ते टूट जाने का, डर छूट जाने का, अपने व्यक्तित्व में आत्मविश्वास नहीं होने का डर……
मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जिसमें अनेक सामर्थ्य हैं- समझने की, सीखने की और कुशलतापूर्वक अपने कार्यों को पूरा करने की। ये क्षमता भी उसके मस्तिष्क में एक डर का कारण है।
“कहीं इसका परिणाम विपरीत न हो जाए ” ऐसा सोच भी एक डर या भय है।
आगे पढ़ते हुए आप पाएंगे कि डर का मुख्य कारण क्या है? आप अपने सामर्थ्य और क्षमताओं को की पहचान कर, इस डर पर जीत कैसे हासिल करेंगें।
आख़िर डर है क्या || dar kya hai
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार- डर एक इमोशन है एक भावना है। जो आपके मस्तिष्क में बीते हुए घटनाओं और भविष्य के अनियमितताओं को लेकर उत्पन्न होता है।
डर की भावना वास्तविक भी हो सकता है और नहीं भी। यह एक ऐसी भावना है जो मानसिक विकार का भी रूप ले सकता है। जो भविष्य की चिंताओं पर भी आधारित हो सकता है।
डर से कैसे बचें || dar se kaise bache
भय या डर की भावना एक मानसिक विकार है। जबभी आप इस विकार सर ग्रसित होते हैं इससे निकलना बहुत ही मुश्किल प्रतीत होता है।
पर आप मन के डर को दूर कर सकते हैं।
क्योंकि डर का कारण भी आप है और इसका हल भी आपके ही पास है। चलिए जानते हैं डर दूर करने के उपाय:
इंसान को सबसे ज़्यादा डर ख़ुद से लगता है कि कहीं वो हार न जाये। – अज्ञात
1. अपने डर को लिखें और उनकी पहचान करें || Identify your fears in writing
कई बार ऐसा होता है कि हमें डर लगता है। पर हम समझ ही नहीं पाते हैं कि यह डर कैसा है, किस बात के लिए है? फल यह होता है कि आप डर के नियंत्रण में चले जाते हैं।
जब डर आपके मस्तिष्क को नियंत्रित करने लगता है। तब मस्तिष्क सही दिशा में सोचना कम कर देता है।
अतः सर्वप्रथम आप लिखकर अपने डर की पहचान करें।
2. क्या है जिससे आपको डर लगता है
अब आपने डर को पहचान कर लिख लिया है। अब आप इनका वश्लेषण करें। ये डर किस प्रकार का है? इससे क्या अनुभव होता है?
आपको हैरानी होगी। इसे हल करने की दिशा में आपको एक नई ऊर्जा और धैर्य मिलेगा।

3. सकारात्मक सोच विकसित करें
नकारात्मक विचार को हावी न होने दें। अपने अंदर सकारात्मक सोच विकसित करें।
सकारात्मक सोच को, डर के विरुद्ध एक हथियार के रूप में प्रयोग करें।
एक मनोवैज्ञानिक शोध के अनुसार आप अपने अवचेतन मस्तिष्क को अपने अनुसार प्रशिक्षित कर सकते हैं। ऐसा करके आप वह हासिल कर सकते हैं जिसकी आप कामना करते हैं।
ऐसा बिलकुल न सोचें- “मुझे डर लग रहा है कि कहीं मैं असफल न हो जाऊँ?”
पर ऐसा कहें- “मैं इस काम को इस प्रकार करूँगा और मैं सफल होऊंगा। “
डर हमेशा अज्ञानता से पैदा होता है। – एमर्सन
4. नियंत्रण को मुक्त करें
डर के कारण आपमें एक नियंत्रक प्रवृति उत्पन्न हो जाता है। और इससे वह परिणाम नहीं मिलता है जिसकी आप कामना करते हैं। दरअसल जबभी आप डर को नियंत्रित करते हैं। आप डर का शिकार हो जाते है।
निश्चित रूप से आप अपने निर्णय को नियंत्रित कर सकते हैं।
पर आप मानें या न मानें, परिस्थितियां हमेशा आपके नियंत्रण में नहीं होतीं। और न ही लोगों की प्रतिक्रियाएं आपके नियंत्रण में हो सकती हैं। ऐसा न सोचें- ” लोग क्या कहेंगे? “
नियंत्रण में होता है आपका अंतःकरण मन और बाहरी परिवेश के अनुकूल आपकी प्रतिक्रियाएं।
यह डर पर नियंत्रण का खेल आपको सफल नहीं होने देता है।
जब आप स्वयं को नियंत्रण मुक्त करेंगे तो आप अनुभव करेंगें डर को ख़त्म करने की शुरुआत की।
5. अपने व्यक्तित्व विकास पर ध्यान दें || Look after your Personality Development
जी हाँ! सही सुना आपने।
यह भी डर का एक कारण हो सकता है। जब आपके व्यक्तित्व में कमियाँ होंगीं तो आपमें आत्मविश्वास थोड़ा कम होगा। जिससे आपको लोगों से मिलने में हिचक होगी। आप अपने विचारों को प्रभावी ढंग से रखने में असमर्थ होंगे।
अतः आप अपने पर्सनालिटी डेवलपमेंट और सेल्फ़ कॉन्फिडेंस को विकसित करने में ज़रूर ध्यान दें।

6. प्रतिदिन एक ऐसा कार्य करें जिससे आपको डर लगता हो
यह अभ्यास करने का एक अनूठा तरीका है। ऊपर जिन भय की लिखित पहचान आपने की है। उन्ही में से प्रत्येक दिन एक ऐसा काम करें जिससे आपको डर लगता है।
इससे आप उन कार्यों के लिए दिशा तय कर पायेंगें। उनको पूरा करने में आनेवाली बाधाओं का हल ढूंढ पाएंगे। और जब आप उनका हल ढूंढ पायेंगें तो आपका सामर्थ्य बढ़ेगा। और आप पायेंगें कि आपका डर आप से दूर भागता जा रहा है।
यह अवचेतन मस्तिष्क को प्रशिक्षित करने का और मन के डर को दूर करने का उपाय है। यह बड़ा ही कारगर उपाय है।
डर के ख़त्म होने से आप सफलता की ओर बढ़ेंगें।
उपसंहार
डर दूर करने के उपाय का आप अपने जीवन में ज़रूर पालन करें। डर को सफलता में बाधक न बनने दें। इस प्रकार अपने लक्ष्य की ओर अपना कदम बढ़ाएं।
अपने विचार कमेंट बॉक्स में दें। यदि कुछ और जानना हो तो हमें पूछें। हमें खुशी होगी।