हो हो हो.. एक हंसी सुनाई पड़ी। और दूर से नज़र आया – सांता क्लॉस। हर साल, 25 दिसंबर को ईसाइयों का मुख्य त्यौहार क्रिसमस मनाया जाता है। इसे बड़ा दिन भी कहा जाता है। और पूरे विश्व में धूम- धाम से मनाया जाता है। तो चलिए जानते है सांता क्लॉस की असली कहानी।
सांता क्लॉस बच्चों को gifts बांटते हैं। तो आपमें ये जिज्ञासा होती होगी। सांता क्लॉस कौन है ? सांता क्लॉस कैसा दिखते हैं? वे कहाँ रहते हैं? क्या हम सांता क्लॉस से मिल सकते हैं? तो चलिए जानते हैं इन सब के बारे में।
सांता क्लॉस कैसे दिखते हैं?
लाल रंग के फर वाला गाउन पहने। सर पर लाल रंग की टोपी । कमर में चौड़ी सी काली बेल्ट पहने। कंधे पर गिफ्ट्स से भरा, बड़ा सा बैग लटकाये हुए। सफ़ेद दाढ़ी, नाक पर चढ़ा चश्मा। अरे हाँ! ये सांता क्लॉस ही तो है। तो ऐसा दिखते हैं सांता क्लॉस। वे स्लेज़ पर सवार होकर घूमते हैं। इस स्लेज़ को आठ रेन्डियर यानि बारह सिंगे खींचते हैं। सबसे रोचक बात तो यह है कि इस स्लेज़ में चक्के नहीं होते हैं। यह बर्फ़ पर फ़िसलती हुई चली जाती है।
वो जब भी आते हैं। हँसते हुए आते हैं। उनकी हँसी ऐसी होती है- हो हो हो… ho ho ho…
सांता क्लॉस कहाँ रहते हैं?
ऐसी मान्यता है कि Santa Claus और उनकी पत्नी Mrs. Claus, उत्तरी ध्रुव में रहते हैं। यह एक बर्फ़ीला प्रदेश है। जो सालभर बर्फ़ से ढँका होता है। वे यहाँ पूरे वर्ष बच्चों के लिए खिलौना बनाते हैं। 24 दिसंबर की रात को यानि क्रिसमस की पूर्व संध्या को वे अपने स्लेज़ को तैयार करते हैं। और निकल पड़ते हैं गिफ्ट्स बाँटने।
बर्फ़ीले देशों में लोग अपने घरों को गर्म रखने के लिए आग का अलाव जलाते हैं। और धुऑं निकलने के लिए ऊँची- ऊँची चिमनियां बनाते हैं। सांता क्लॉस इसी चिमनी से बच्चों का गिफ्ट डाल देते हैं। और आगे बढ़ जाते हैं।
कहीं- कहीं ऐसी परम्परा भी प्रचलित है, जहाँ बच्चे क्रिसमस की रात अपने घरों के दरवाज़ों पर मोज़े टांगते हैं। रात में सांता क्लॉस इनमें गिफ्ट्स डालते हुए जाते हैं। सुबह बच्चे उत्सुकता से अपने मोज़ों को चेक करते हैं। खिलौने पाकर खुश हो जाते हैं।

सांता क्लॉस कौन हैं? Santa Claus real story in hindi
क्या वास्तव में सांता क्लॉस हैं? तो चलिए जानते हैं सांता क्लॉस की रियल स्टोरी क्या है? या कहें सांता क्लॉस का इतिहास क्या है?
वास्तव में सांता क्लॉस की कहानी एक संत से जुड़ी है। उनका नाम था- संत निकोलस। उनका जन्म 280 A. D. को मायरा शहर में हुआ था। मायरा, तुर्की का एक शहर है। संत निकोलस का जन्म जिस परिवार में हुआ था, वो एक बहुत ही धनी परिवार था। और उनके माता- पिता धार्मिक प्रवृति के थे।
संत निकोलस भी बहुत धार्मिक प्रवृति के तो थे ही। वे बहुत उदार और दानवीर भी थे। एक बार की घटना है। एक परिवार में तीन बेटियां थीं। वे बहुत ग़रीब थे। उनके पिता के पास उनकी बेटियों के विवाह के लिए पैसे नहीं थे। निकोलस उनकी मदद करना चाहता था। इसलिए उसने सोने के सिक्कों से भरा एक बोरा चुपके से उनकी चिमनी से गिरा दिया। वो परिवार अचंभित था। पर उन तीनों बहनों का विवाह हो गया।
आगे चलकर संत निकोलस मायरा के बिशप भी बने। उन्होंने ग़रीबों की खूब मदद की।
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सांता क्लॉस को और किस नाम से जाना जाता है?
सांता क्लॉस को और भी कई नामों से जाना जाता है। जैसे फ़ादर क्रिसमस, संत निकोलस, संत निक, क्रिस क्रिंगल या सिर्फ सांता।
क्या हम सांता क्लॉस से मिल सकते हैं?
यह एक बहुत ही interesting प्रश्न है। वर्तमान समय में क्रिसमस के अवसर पर गिरजा घरों में और बड़े माल्स में तथा Christmas celebration groups में कई लोग सांता क्लॉस बने दिख जाएँगे। यह उपहार बाँटने और खुशियाँ फ़ैलाने का एक प्रतीक बन गया है।
हमने क्या जाना?
इस आर्टिकल में हमने जाना सांता क्लॉस की कहानी। सांता क्लॉस कौन हैं और कहाँ रहते हैं? उम्मीद है आपलोगों को अच्छी लगी। आप खुशियां बाँटने के इस कहानी को शेयर करें और खुशियां फ़ैलाएँ। आप सबों को Happy Christmas.